लड़कियों के लिए न्यूनतम आयु सीमा को बदलने के पीछे उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना है
नई दिल्ली, डी.वी.
भारत सरकार लड़कियों के लिए विवाह के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार कर रही है। ऐसा कहा जाता है कि अब लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 की जा सकती है जो लड़कियों के जीवन को बदल देगी।
प्रधान मंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि हम बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए एक समिति बना रहे हैं। समिति अपनी रिपोर्ट पेश करेगी तब हम सही निर्णय लेंगे।
लड़कियों के लिए न्यूनतम आयु सीमा में बदलाव का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना है। कहा जाता है कि सरकार की कवायद के पीछे सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में कहा था कि एक महिला को मां बनने के सही निर्णय की सलाह देने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2016 में एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि बेटियों को वैवाहिक बलात्कार से बचाने के लिए बाल विवाह को पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। कवायद शुरू हो गई है।
एक अधिकारी ने कहा कि शादी के लिए न्यूनतम आयु एक लड़की और एक लड़के के लिए समान होनी चाहिए।
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